पत्थरबाज शायरी Pattharbaz shayari - Zindgi ek kavita

पत्थरबाज शायरी Pattharbaz shayari

Patthar baaz
पत्थरबाज
जिंदगी एक कविता

जिन्दगी एक कविता


हिंसा किसी मजहब की मोहताज नहीं होती,
कट्टरता कभी धर्म की आवाज नही होती।
जाहिल है वे लोग जो यहां नफरत फैलाते है 
वरना इंसानियत कभी भी पत्थर बाज नही होती।
@साहित्य गौरव

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