इज्जत पर कविता, ijjat par kavita
इज्जत/ijjat
जिंदगी एक कविता
सह लेंगे तेरी कही ऐरी गैरी बातें,
गर तेरे प्यार में इतनी शिद्दत तो हो।
मैं रहूं ना रहूं इस दुनिया में लेकिन,
तुजे मेरे अपनों से मोहब्बत तो हो।
देखेंगे तुझे भी लोग उसी नजर से,
तेरी नजरों में जो मेरी एहमियत तो हो।
मेरे बाद भी ये जरूर याद रखना,
दुनिया में तेरी वही इज्जत तो हो।
@साहित्य गौरव
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