वफा पर कविता ,wafa par kavita
Wafa
जिंदगी एक कविता
तुम क्या जानो उसमे ऐसा खास है क्या,
क्यूं मेरी तरह तुमको भी एहसास है क्या ।
उम्मीद जो लगाऊं किसी बेकदर से मैं,
....क्या उसे भी मेरे इश्क पर विश्वास है क्या।
एहमियत नही है, जिसे मेरी मोहब्बत की
होती अगर तो वो, आज मेरे पास है क्या।
....क्या उसे भी मेरे इश्क पर विश्वास है क्या।
संगदिल नही होते सच्चा इश्क करने वाले
कभी इधर कभी उधर, दिल परवाज है क्या।
.....क्या उसे भी मेरे इश्क पर विश्वास है क्या।
छोड़कर निभाए मुझे, जो औरों से वफादारी,
साथ निभाने का उसका, यही अंदाज हैं क्या।
.....क्या उसे भी मेरे इश्क पर विश्वास है क्या।
@साहित्य गौरव
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