राधे राधे कविता,radhe radhe kavita - Zindgi ek kavita

राधे राधे कविता,radhe radhe kavita

राधे राधे कविता,radhe radhe kavita

जिंदगी एक कविता

zindgi ek kavita

फूल है कृष्णा रंग है राधे,
नाम भिन्न पर संग है राधे
पवित्र हृदय के पवित्र भाव में,
प्रेम की पावन उमंग है राधे।

गोपियों के सुर प्रेमराग पर,
बंसी की मधुर तरंग है राधे।
यमुना तट गूंज रही जो,
आनंद अनंत मृदंग है राधे।

माधव भीतर जो प्राण बसे है,
सुंदर काया हर अंग है राधे।
मछली जैसे बिन पानी के
बिन केशव के बेरंग है राधे।
@साहित्य गौरव

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