updesh kavita, उपदेश कविता
UPDESH, उपदेश
जिन्दगी एक कविता
इन प्यारे प्यारे बच्चो से,
खिलखिलाना सीखिए,
मासूमियत से अपनी गैरों को।
अपना बनाना सीखिए।
जरूरी नहीं की जीवन में,
खुश रहने की वजह ही चाहिए।
खुश होकर अपने गम पर भी,
कभी मुस्कुराना सीखिए।
सीखने की कोई उमर नही,
जब चाहे तब सीखिए।
खुद साथ बदलते वक्त के,
बदलाव लाना सीखिए।
सीख सको तो संतो की,
वाणी से जाकर सीखिए।
अनमोल उनके उपदेशों को,
जीवंत आजमाना सीखिए।
@साहित्य गौरव
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