Haseen ye gazal - Zindgi ek kavita

Haseen ye gazal

हसीन ये गजल


zindgi ek kavita


तुम कहो तो कह दूं बेहतरीन ये गजल।
सादगी पर तुम्हारी हसीन ये गजल,

सुर्ख लबों पे बेतहाशा रंगीन ये गजल।
सादगी में तुम्हारी बेहतरीन ये गजल।

पूनम के चांद जैसे हसी चेहरे पर तुम्हारे,
नाजुक तेरे बदन पर नाजनीन ये गजल।
सादगी पर तुम्हारी हसीन ये गजल।

शोर मेरी जिंदगानी है सुकून तेरा इश्क,
फरमा रहा हूं शौक से आफरीन ये गजल।
सादगी पर तुम्हारी हसीन ये गजल

आशिकों के दिल का जो हाल बयां करती,
धड़कनों से जाहिर दिलनशीन ये गजल।
सादगी पर तुम्हारी हसीन ये गजल।

पत्थरों पर तराशी किसी मूर्ती के जैसे,
कारीगर के हुनर सी महीन ये गजल।
सादगी पर तुम्हारी हसीन ये गजल।

महसूस तुम्हे होंगे अल्फाज जब ये मेरे,
मेरी सच्ची मोहब्बत की संगीन ये गजल।
सादगी पर तुम्हारी हसीन ये गजल।
@साहित्य गौरव


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