गुलजार शायरी gulzar shayari - Zindgi ek kavita

गुलजार शायरी gulzar shayari

जिंदगी एक कविता

जिंदगी एक कविता

खैरियत से हूं मैं जहां भी हूं,
तू मेरी फिक्र न मेरा इंतजार कर।
हो सके तो शौक से भुला दे मुझे,
मेरे बिना ही जिंदगी को गुलजार कर।
@साहित्य गौरव

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