baharon ka mausam - Zindgi ek kavita

baharon ka mausam

बहारों का मौसम 




ये बारिश की बूंदे पहाड़ों का मौसम,
है कितना सुहाना बहारों का मौसम।

परिंदो की सोहबत में चहका हुआ सा,
तितलियों की रंगत में बहका हुआ सा,

जहां शबनम के मोती गिरे तरोताजा,
मैदानों में बिखरे चिनारों का मौसम,
है कितना सुहाना बहारों का मौसम
ये बारिश की बूंदे पहाड़ों का मौसम,

बागों में महके जैसे फूलों में खुशबू,
फैला हुआ हो जहां कुदरत का जादू,

ये खूबसूरत घटा के खूबसूरत नजारें,
प्रकृति के अनोखें उपहारों का मौसम,
है कितना सुहाना बहारों का मौसम
ये बारिश की बूंदे पहाड़ों का मौसम,

बहती हो जिससे स्वच्छ पानी की धारा,
यहां पर्वत से गिरता एक झरना आवारा,

हरियाली को अपने संग लेकर चली जो,
ये बलखाती नदियां किनारों का मौसम,
है कितना सुहाना बहारों का मौसम
@साहित्य गौरव 

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