मॉब लिचिंग mob Lynching - Zindgi ek kavita

मॉब लिचिंग mob Lynching

जिंदगी एक कविता

जिंदगी एक कविता

माना इस जग में परमात्मा के, 
कई स्वरूप है उसके कई आधार है,
पर लोग जो आजकल कर रहे
जाने वो किस धर्म का प्रचार है।
फैल रहा है जो बड़ी तेजी से,
कौनसा संप्रदाय है ये कैसा विचार है।
नाम न बता पाए जो कोई अपना तो
वो नए धर्म का नया शिकार है।
जितनी भयानक ये स्थिति 
उतना ही हिंसक मानवीय व्यवहार है।
@साहित्य गौरव
@sahityagaurav 

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